सच्ची मोहब्बत..
सच्ची मोहब्बत..
एक तोता आकाश मे उड़ रहा था.
उस की नज़र बगीचे मे लगे एक गुलाब की कली पऱ पड़ी.
जो बेहद खूबसूरत थी. तोता नीचे आया और कली कों बहुत देर तक देखता रहा.
फिर वहा सें चला गया.अगले दिन तोता फिर बगीचे मे आया और कली कों कुछ देर देखा और चला गया.
कई रोज़ तक ये सिलसिला चलता रहा, एक दिन तोता नहीं आया.
कली ने देखा रोज़ तोता आता है. उसे देखता है. और चला जाता है.
मगर आज क्यों नहीं आया.
वह इधर उधर देखने लगी. कली कों तोते की आदत हो गई थी.
तोता पेड़ के पीछे छुपा कली कों देख रहा था.
उस की उदासी और उदास चेहरे कों देख कर उसे एहसास हो गया था. कली कों भी उस सें मोहब्बत हो गई है.
अचानक सें तोता पेड़ की आड सें निकल पड़ा और कली के पास जाकर खड़ा हो गया.
कली ने अपना मुँह घुमा लिया.
और नाराज़गी दिखाने लगी.
तोता बोला जब सें मैंने तुम्हे देखा है. मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ.
जिस दिन तुम्हे ना देखूं उस दिन ऐसा लगता है. जैसे जिंदगी थम सी गई हो मुझे तुम सें मोहब्बत हो गई है.
कली शरमा कर पीछे मुड़ गई.
तोता बोला, वैसे तुम मेरा इन्तिज़ार कर रही थी.
मैं पेड़ के पीछे छुपा तुम्हारी बेचैनी और बेचैन निगाहो कों देख रहा था.
कली बोली जैसे तुम्हे मुझसे मोहब्बत है. वैसे ही मुझे भी तुम सें मोहब्बत हो गई है.
तोता मुस्कुराया और बोला आज मैं बहुत ख़ुश हूँ.
फिर तोता अपने घर चला गया.
अब तोता और कली की रोज़ मुलाक़ाते होने लगी थी.
तोता रोज़ बगीचे मे जाता. दोनों घंटो बैठ कर बाते करते फिर शाम
कों तोता अपने घर चला जाता.
एक दिन एक चिड़िया ने कली सें कहा तुम इश्क़ विश्क़ के चक्कर मे मत पड़ो ये मर्द बहुत चालाक होते है.
मतलब खतम होते ही अपनी राह निकल जाते है.
कली बोली तोता ऐसा नहीं है.
वों सच मे मुझसे मोहब्बत करता है. चिड़िया बोली अगर वों सच मे तुमसे मोहब्बत करता है.
तो उस सें कहो वों तुम्हे अपने साथ ले जाये..
दूसरे दिन तोता आया कली बोली तुम वाक़ई मे मुझसे मोहब्बत करते हो.
तोता बोला तुम्हे यकीन नहीं है.
कली बोली अगर तुम मुझसे सच मे मोहब्बत करते हो.
तो मुझे अपने साथ ले जाओ अपने घर अब मेरा यहाँ मन नहीं लगता.
तोता कुछ देर खामोश रहा फिर बोला मैं तुम्हे अपने साथ नहीं ले जा सकता.
कली बोली तो तुम मुझे धोखा दे रहे हो मुझ सें खेल रहे हो. मेरी भावनाओ सें खिलवाड़ कर रहे हो
तोता बोला अगर मैंने तुम्हे डाल सें जुदा क्या तो तुम्हारी जिंदगी खत्म हो जाएगी.
कली बोली मैं तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ. चाहे दो पल ही क्यों ना जीऊं.
तोता बोला मैं तुम्हे टूटता हुआ मुरझाता हुआ फ़नाह होते हुए नहीं देख सकता क्यों की मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ.
अगर मैं तुम्हे अपने साथ ले जाऊ तो तुम कुछ वक़्त बाद फंनाः हो जाओगी और मैं अकेला रह जाऊंगा..
तोता बोला नहीं नहीं.मैं तुम्हे बर्बाद करना नहीं चाहता.
मैं तो चाहता हूँ तुम हमेशा ऐसे ही मुस्कुराती रहो शाद रहो इस बगीचे की राजकुमारी हो तुम. अगर तुम मुरझा गई तो इस बगीचे की रौनक चली जाएगी..
हम दोनों की दुनिया अलग है.
लेकिन फिर भी हम मोहब्बत करेंगे भी और निभाएंगे भी.
कली बोली तुम ठीक कहते हो हम दोनों मैं बहुत फर्क है.
और मुझे ये भी समझ आ गया प्यार मे साथ का होना ज़रूरी नहीं है. प्यार का होना ज़रूरी है.
तोता मुस्कुराया और बोला मैं रोज़ तुमसे मिलने आया करूंगा और हम खूब देर तक बैठ कर बाते क्या करेंगे...
VIJAY POKHARNA "यस"
16-Feb-2023 01:42 PM
बहुत सुन्दर
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Gunjan Kamal
20-Jan-2023 04:13 PM
बेहतरीन
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सीताराम साहू 'निर्मल'
17-Jan-2023 11:21 PM
बहुत खूब
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